यूपीएसआइडीसी ने भूखंड हस्तांतरण पर लगाई रोक। 31 अगस्त के बाद खाली पड़े भूखंडो को बेच नहीं जा सकेगा।
यूपीएसआइडीसी के प्रबंध निदेशक रनवीर प्रसाद ने भूखंड हस्तांतरण पर रोक लगा दी है। क्यूंकि यूपीएसआइडीसी में भूखंड हस्तांतरण में जमकर धन उगाही की जाती है। विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक और लिपिक खाली पड़े भूखंडों की बिक्री कराते हैं। अब ऐसे भूखंड जिस पर औद्योगिक इकाई स्थापित नही की गयी है और आवंटी उसे बेचना चाहते हैं 31 अगस्त के बाद अब खाली पड़े भूखंडो को बेच नहीं सकेंगे। ऐसे भूखंडो के आवंटन को रद कर यूपीएसआइडीसी प्रबंधन पुनः भूखंड की बिक्री करेगा। वर्तमान में तीन दर्जन से अधिक भूखंडों का आवंटन रद भी किया जा चूका है।\\
यूपीएसआइडीसी में अब उगाही का खेल भी ख़तम होगा, लिपिक की लापरवाही मिलने पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी अतः पत्रवलियों की कमियां एक बार में ही आवंटियों को बतानी होंगी जिससे लिपिक पत्रवली बार-बार कमियां बताकर किसी आवंटी को परेशान नहीं करेंगे और न कमी के नाम पर आवंटियों से उगाही नहीं कर पाएंगे। आवेदन प्रपत्र जमा कराते समय ही उन्हें अभिलेखों का सही से परीक्षण करना होगा और आवंटी को समस्त कमियां एक साथ बतानी होंगी। ऐसा न करने पर लिपिक के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई होगी। इसमें साथ ही अगर किसी क्षेत्रीय प्रबंधक ने लापरवाही की या उसकी भी संलिप्तता पाई गयी तो उसे भी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
जैसा की ज्ञात है की यूपीएसआइडीसी में भूखंडों के हस्तांतरण, मानचित्र पास कराने, रजिस्ट्री, लीज डीड कराने और लीज रेंट, समय्व्रधि शुल्क आदि के नाम पर आवंटियों को खूब परेशान किया जाता है। पूरे प्रदेश में यूपीएसआइडीसी की लगभग 75 से अधिक औद्योगिक परियोजनाए हैं। यहां भूखंड लेने वाले सैकड़ों लोगों के भवन मानचित्र में कमिया बताकर पास नहीं किए गए हैं। उन्हें न तो पत्रवलियों की कमियां समय से बताई जाती हैं और न ही कमियों को निराकरण करना समझाया जाता है। यह सब कमियां आवंटियों के आर्थिक शोषण करने के लिए बताई जाती है।
प्रबंध निदेशक रनवीर प्रसाद ने सिटीजन चार्टर के तहत काम करने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए है तथा साथ ही लिपिक, क्षेत्रीय प्रबंधक व अन्य जिम्मेदार लोगों की जिम्मेदारी तय कर दी है। ताकि इस पर पूर्ण रूप से रोक जा सके व उन्होंने कहा है की अब बार-बार कमियां बताकर आवंटियों का उत्पीडन करने वाले लिपिकों पर तो निलंबन की कार्रवाई होगी ही साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधक भी अब नहीं बचेंगे। एमडी ने कहा की आवंटियों को सुविधाएं देने के लिए जो भी जरूरी प्रक्रिया जरुरी होगी उसे भी पूरा किया जाएगा।