उत्तर प्रदेश सरकार ने सूक्ष्म, छोटे एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) की स्थापना में लालफीताशाही दूर करने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए यूपी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (अवस्थापना एवं संचालन) अधिनियम-2020 (एमएसएमई एक्ट) को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी है। इसके अंतर्गत भूमि संबंधी, विद्युत सुरक्षा संबंधी, पर्यावरण संबंधी श्रम संबंधी व अग्निशमन संबंधी अनापत्ति के लिए घोषणापत्र देना होगा घोषणापत्र पाने के 72 घंटे के भीतर उपायुक्त उद्योग स्वीकृति प्रमाणपत्र जारी कर दिया जायेगा । यह प्रपत्र एक्ट में शामिल है। इनमें 900 दिनों में उसे बाकी अनापत्तियां प्राप्त करनी होगी। इस दौरान इकाई की किसी तरह की जांच-पड़ताल व पूछताछ नहीं होगी। वर्तमान में उद्यमी को 29 विभागों से करीब 80 तरह की अनापित्तयां लेनी होती हैं। एमएसएमई एक्ट के अंतर्गत उद्यमी को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय नोडल एजेंसी के समक्ष तय प्रारूप मंजूरी मिल जाएगी। उपरोक्त व्यवस्था से एक वर्ष में 15 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
यूपी सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन एक्ट को भी मंजूरी दी है जिसमे आयुक्त एवं निदेशक की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी एमएसएमई के भुगतान के लिए मंडल स्तरीय काउंसिल गठन किया जायेगा। वर्तमान में एमएसएमई इकाइयों को अपना भुगतान प्राप्त करने के लिए कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में केवल एक फैसिलिटेशन काउंसिल होने से बड़ी संख्या में एमएसएमई के मामले लंबित चल रहे हैं। नए एक्ट में मंडल स्तर पर फैसिलिटेशन काउंसिल बनाने की व्यवस्था की गई है। इससे मंडल स्तर पर ही एमएसएमई इकाइयों की भुगतान संबंधी समस्याओं का निराकरण हो जाएगा। यह काउंसिल मंडलायुक्तों की अध्यक्षता में होगी। यदि मंडलीय फैसिलिटेशन काउंसिल के निर्णय का अनुपालन नहीं होता है तो देयों की वसूली के लिए वसूली प्रमाण पत्र जारी किया जा सकेगा। भू-राजस्व की तरह वसूली हो सकेगी। इससे एमएसएमई को भुगतान पाने में आसानी होगी