दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, भारतमाला परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, उत्तर भारत में यातायात और पर्यटन के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए तैयार है। यह 212 किलोमीटर लंबा 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के ट्रोनिका सिटी, बागपत, शामली, सहारनपुर और उत्तराखंड के देहरादून तक फैला है।
इसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा समय को 6.5 घंटों से घटाकर 2.5-3 घंटों तक करना है। हाल की खबरों के आधार पर इस परियोजना की प्रगति, उद्घाटन की संभावित तारीख और अन्य महत्वपूर्ण पहलु निम्नवत प्रस्तुत है।
परियोजना की प्रगति और विशेषताएं
निर्माण में तेजी: राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अनुसार, एक्सप्रेसवे का 93% से अधिक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अक्षरधाम से खेकड़ा (ईपीई जंक्शन) तक 31.6 किलोमीटर का एलिवेटेड हिस्सा और बागपत से सहारनपुर तक के कई खंड पहले ही तैयार हैं। शेष कार्य को जल्द पूरा करने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।
पर्यावरणीय संरक्षण: परियोजना में 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल है, विशेष रूप से राजाजी नेशनल पार्क के पास, जो वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह भारत का दूसरा ऐसा राजमार्ग है, जो वन्यजीव संरक्षण को प्राथमिकता देता है। इसके अलावा, मसूरी तक सीधी पहुंच के लिए 26 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड बनाई जा रही है, जिससे देहरादून शहर में प्रवेश किए बिना मसूरी पहुंचा जा सके।
आधुनिक सुविधाएं: यह एक्सप्रेसवे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें फ्लाईओवर, अंडरपास, 28.4 किलोमीटर सर्विस रोड, और साउंड बैरियर शामिल हैं। वाहनों की अधिकतम गति 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है, और दिल्ली से 18 किलोमीटर तक का हिस्सा टोल-मुक्त होगा।
उद्घाटन की संभावित तारीख
जुलाई-अगस्त 2025: कुछ खबरों में दावा किया गया कि एक्सप्रेसवे जुलाई 2025 में उद्घाटित हो सकता था, लेकिन कुछ बचे कार्यों के कारण यह तारीख टल गई।
अक्टूबर 2025: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संकेत दिया है कि एक्सप्रेसवे अक्टूबर 2025 तक चालू हो सकता है। यह तारीख कई खबरों में प्रमुखता से उल्लिखित है।
नवंबर 2025: कुछ रिपोर्ट्स में दीवाली के आसपास, यानी नवंबर 2025 तक उद्घाटन की संभावना जताई गई है।
हालांकि, आधिकारिक तौर पर कोई अंतिम तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन अक्टूबर 2025 को सबसे संभावित तारीख माना जा रहा है।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
पर्यटन को बढ़ावा: यह एक्सप्रेसवे मसूरी, ऋषिकेश, और हरिद्वार जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुंच को आसान बनाएगा, जिससे उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा मिलेगा।
रियल एस्टेट में उछाल: ट्रांस दिल्ली सिग्नेचर सिटी, बागपत, शामली, और सहारनपुर जैसे शहरों में रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश और विकास की उम्मीद है।
यातायात सुगमता: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ने के कारण दिल्ली, गाजियाबाद, और लोनी में ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी।
चुनौतियां और देरी
निर्माण में रुकावटें: डाटकाली मंदिर क्षेत्र में नए क्रॉस फ्लाईओवर के निर्माण और वन भूमि हस्तांतरण में देरी के कारण कुछ हिस्सों का उद्घाटन मार्च 2025 तक टल गया था। एक घर के कारण उत्पन्न रुकावट को अब हल किया जा रहा है।
किसानों का विरोध: टिकरी और टटीरी कस्बों में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों ने भी विरोध प्रदर्शन किया है, जिसमें उचित मुआवजे की मांग की जा रही है।