दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे भारत की सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से एक है, जो दिल्ली को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से जोड़ेगी। 210 किलोमीटर लंबा यह 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, जो 11,868 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है, दिल्ली से देहरादून की यात्रा को 6 घंटे से घटाकर मात्र 2.5 घंटे कर देगा। यह परियोजना दिल्ली, उत्तर प्रदेश (बागपत, बरौत, शामली, सहारनपुर) और उत्तराखंड से होकर गुजरेगी, और इसमें एशिया का सबसे लंबा 12 किमी ऊंचा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर भी शामिल है, जो राजाजी नेशनल पार्क के जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
पिछले 10-15 दिनों (अक्टूबर 28 से नवंबर 12, 2025) में जारी खबरों के अनुसार, परियोजना में एक बार फिर देरी हुई है। अधिकारियों ने बताया कि फरवरी 2026 तक पूरा खुलना संभव है, जबकि पहले अक्टूबर 2025 का लक्ष्य था। यह देरी बाढ़ सुरक्षा उपायों, मोबाइल टावर स्थापना और टनल फिनिशिंग जैसे अंतिम कार्यों के कारण है। मानसून और अन्य चुनौतियों ने इसे पीछे धकेल दिया। परियोजना 90% पूरी हो चुकी है, लेकिन अंतिम फिनिशिंग और पर्यावरणीय मंजूरी बाकी हैं। फेज 1 (अक्षरधाम से बागपत तक 32 किमी) पहले ही ट्रायल रन के लिए तैयार है, और यह ट्रॉनिका सिटी जैसे इलाकों को सीधा लाभ देगा।
हालिया अपडेट्स: पिछले दो हफ्तों की प्रमुख ख़बरों के अनुसार देरी के कारण निम्नलिखित हैं:
- फेज 4 (देहरादून के पास) में डाट काली मंदिर के निकट बाढ़ सुरक्षा, टनल कार्य और मोबाइल टावर लगाना नवंबर तक पूरा होगा। पूरा प्रोजेक्ट फरवरी 2026 में खुलेगा, जो यात्रा समय को 3 घंटे से कम करेगा।
- मंडोला (गाजियाबाद) में सर्विस लेन निर्माण में एक घर बाधा बन गया, जिससे लोकल ट्रैफिक प्रभावित। फरवरी 2026 ओपनिंग की खबरें शेयर हुईं। साथ ही, इको-फ्रेंडली फीचर्स पर फोकस: 17,913 पेड़ काटे गए, लेकिन 50,600 नए लगाए जा रहे।
- गाजियाबाद के मंडोला में सर्विस लेन का निर्माण एक घर की वजह से रुका हुआ। अधिकारियों ने इसे जल्द सुलझाने का भरोसा दिया।
ये अपडेट्स दिखाते हैं कि प्रोजेक्ट अंतिम चरण में है, लेकिन छोटी-छोटी बाधाएं जैसे बाढ़ सुरक्षा और लोकल निर्माण मुद्दे इसे प्रभावित कर रहे। फरवरी 2026 का इंतजार अंतिम चरण लगता है।
प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएं
- फेज ब्रेकडाउन: 4 फेज – फेज 1 (32 किमी, अक्षरधाम से EPE), फेज 2 (118 किमी, बागपत से सहारनपुर), फेज 3 (40 किमी, सहारनपुर बायपास), फेज 4 (20.7 किमी, देहरादून टनल्स के साथ)।
- सुरक्षा: 113 अंडरपास, 6 हाथी अंडरपास, 12 किमी वाइल्डलाइफ कॉरिडोर, 100 किमी/घंटा स्पीड लिमिट।
- कनेक्टिविटी: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) और हरिद्वार स्पर से जुड़ेगा।
- इम्पैक्ट: टूरिज्म बूस्ट (हरिद्वार-ऋषिकेश आसान), इंडस्ट्री ग्रोथ (ट्रॉनिका सिटी में प्रॉपर्टी रेट्स +10-15%)।
दिल्ली-ट्रॉनिका सिटी निवासियों के लिए क्या फायदा?
ट्रॉनिका सिटी (गाजियाबाद) इस एक्सप्रेसवे से सीधा जुड़ेगी, जो मंडोला विहार से गुजरेगी। इससे दिल्ली एयरपोर्ट से देहरादून सिर्फ 2.5 घंटे में! लोकल निवासियों के अनुसार, यह निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर है – प्रॉपर्टी वैल्यू बढ़ेगी। NCR का नया गेटवे बनने से ट्रैफिक जाम कम होगा और आर्थिक विकास तेज।
