उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) ने UPIMLCs के तहत औद्योगिक प्लॉट आवंटन के लिए व्यापक गाइडलाइंस जारी कीं: निवेशकों के लिए नई संभावनाएं

UPIMLCs प्लॉट आवंटन गाइडलाइंस Share this post

उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत एक्सप्रेसवे के साथ एकीकृत औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स क्लस्टर्स (UPIMLCs) विकसित करने वाली उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) ने औद्योगिक प्लॉटों के आवंटन के लिए UPIMLCs प्लॉट आवंटन गाइडलाइंस, विस्तृत दिशानिर्देश और शर्तें जारी की हैं। यह निवेशकों, एमएसएमई और बड़े उद्योगों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है, जो राज्य के एक्सप्रेसवे नेटवर्क से जुड़े क्लस्टर्स में सीधी सड़क कनेक्टिविटी का लाभ उठाकर वैश्विक निवेश आकर्षित करने पर केंद्रित है। इन गाइडलाइंस के माध्यम से UPEIDA राज्य में संतुलित औद्योगिक विकास, लाखों रोजगार सृजन और क्षेत्रीय आर्थिक मजबूती सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखे हुए है।

UPIMLCs का विजन एक्सप्रेसवे के साथ औद्योगिकरण को जोड़ना है, जहां ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक व्हीकल, सेमीकंडक्टर जैसे सनराइज सेक्टर्स और एग्रो-फूड प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस जैसे फोकस सेक्टर्स को प्राथमिकता दी गई है। आवंटन प्रक्रिया पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ मानदंडों पर आधारित है, जिसमें सनराइज/फोकस सेक्टर, एफडीआई प्रतिशत और प्रस्तावित निवेश राशि पर अंक दिए जाते हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इन क्लस्टर्स से अगले 5 वर्षों में 10 लाख से अधिक रोजगार उत्पन्न हो सकते हैं, साथ ही राज्य की जीडीपी में उल्लेखनीय योगदान होगा।

प्रमुख विशेषताएं और लाभ:

नीचे UPIMLCs प्लॉट आवंटन गाइडलाइंस की मुख्य बातें दी गई हैं, जो निवेशकों को सब्सिडी, आसान भुगतान विकल्प और इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं से लैस करती हैं:

विशेषताविवरण
पात्रताव्यक्ति, पार्टनरशिप फर्म, प्राइवेट/पब्लिक लिमिटेड कंपनी; मजबूत वित्तीय/तकनीकी ट्रैक रिकॉर्ड आवश्यक। नेट वर्थ, लिक्विडिटी और औसत टर्नओवर पर मूल्यांकन। सनराइज सेक्टर (जैसे EV, सेमीकंडक्टर) या फोकस सेक्टर (जैसे एग्रो, डिफेंस) में 10 अंक। एफडीआई >50% पर 10 अंक। निवेश >200 करोड़ पर 10 अंक।
आवेदन प्रक्रियानिवेश मित्रा पोर्टल (https://niveshmitra.up.nic.in) पर ऑनलाइन आवेदन। प्रोसेसिंग फीस: 50,000 रुपये + जीएसटी (गैर-वापसी योग्य)। रजिस्ट्रेशन मनी: प्लॉट प्रीमियम का 10% (समायोज्य/वापसी योग्य)। डीपीआर, नेट वर्थ स्टेटमेंट, जीएसटी रिटर्न्स आदि दस्तावेज अनिवार्य।
आवेदन तिथि01 दिसंबर 2025 से प्रारम्भ
आवंटन मानदंडतकनीकी समिति द्वारा जांच, भूमि आवंटन समिति द्वारा चयन। एक ही प्लॉट पर कई आवेदनों में वस्तुनिष्ठ अंकों + साक्षात्कार पर आधारित। सीईओ की मंजूरी के 30 दिनों में आवंटन पत्र।
भुगतान विकल्प– विकल्प 1: 90 दिनों में पूर्ण भुगतान।
– विकल्प 2: 60 दिनों में 30%, शेष 70% 3 वर्षों में 6 छमाही किस्तों पर (9.5% ब्याज)।
– विकल्प 3: 60 दिनों में 30%, शेष 70% 10 वर्षों में 20 छमाही किस्तों पर (9.5% ब्याज)। कोई एकमुश्त छूट नहीं।
लीज शर्तें90 वर्षीय लीज। वार्षिक लीज रेंट: पहले 10 वर्ष 2.5% (प्रीमियम का), उसके बाद 50% वृद्धि। एकमुश्त लीज रेंट विकल्प: 37.5% (15 वर्षों के बराबर)। डिफॉल्ट पर 9.5% ब्याज।
निर्माण समयसीमा– 4,000 वर्गमीटर तक: 36 माह।
– 4,000-20,000 वर्गमीटर: 48 माह।
– 20,000+ वर्गमीटर: 60 माह। अधिकतम 2 वर्ष विस्तार (फीस: 1st वर्ष 100 रुपये/वर्गमीटर, 2nd वर्ष 150 रुपये/वर्गमीटर)।
अन्य लाभस्थानीय रोजगार/खरीद को प्राथमिकता। एमएसएमई पंजीकरण पर अतिरिक्त लाभ। प्रदूषण-मुक्त ग्रीन डिक्लेरेशन अनिवार्य। स्थानांतरण/मॉर्टगेज की अनुमति (शुल्क सहित)।

ये गाइडलाइंस UP औद्योगिक निवेश एवं रोजगार संवर्धन नीति-2022 से जुड़ी हैं, जिसमें एफडीआई, फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनियों को विशेष प्रोत्साहन है। UPEIDA के अनुसार, गोरखपुर, बांदा, हरदोई जैसे 27+ क्लस्टर्स में 2,500+ हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। निवेशक तुरंत निवेश मित्रा पोर्टल पर आवेदन करें और UPEIDA की वेबसाइट (https://upeida.up.gov.in) से अधिक जानकारी प्राप्त करे।

ई-ब्रोशर डाउनलोड करें।

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