राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से मिल रही जानकारी के अनुसार दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे का लोकार्पण दिसंबर 2024 या उससे पहले कर दिया जाएगा। उपरोक्त हाईवे निर्माण कार्य शुरू होने के समय से ही सुर्ख़ियों में रहा है जिससे दिल्ली से देहरादून पहुंचने का समय 6 घंटे से घटकर मात्र 2.50 मिनट रह जायेगा। उपरोक्त हाईवे के निर्माण कार्य फ़रवरी 2021 में शुरू करते समय केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री माननीय श्री नितिन गडकरी जी ने कहा था कि दिल्ली से देहरादून जाने में अब मात्र ढाई घंटे का समय लगा करेगा। तभी ये यह हाइवे लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है इसके पहले दिल्ली से देहरादून पहुंचने में करीब 6 घंटे लगते थे लेकिन अब मैं दूरी घटकर मात्र ढाई घंटे की रह जाएगी। हाईवे के प्रथम फेज का लोकार्पण मार्च 2024 तक किया जाना था लेकिन पहले निर्माण कार्य प्राप्त करने वाली निर्माता कंपनी गायत्री कंस्ट्रक्शन के द्वारा कार्य में की गयी देरी एवं अन्य कारणो से उपरोक्त को अब दिसंबर 2024 तक लोकार्पण किया जायेगा। उपरोक्त हाईवे से दिल्ली से सटे ट्रांस दिल्ली सिग्नेचर सिटी (ट्रोनिका सिटी) तथा मंडोला विहार जैसी योजनाओ को काफी लाभ मिलने की सम्भावनायें है।
उपरोक्त दिल्ली देहरादून ग्रीन कॉरिडोर एक्सप्रेसवे की मुख्य विशेषताएँ निम्नवत है:-
- प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास 4 दिसंबर 2021।
- कुल लम्बाई 210 किलोमीटर।
- कुल लागत लगभग 13000 करोड़ रुपए।
- फेज 1 में अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक 32 किलोमीटर की दूरी में से 19 किलोमीटर एलिवेटेड रोडवे।
- एशिया का सबसे लंबा एलिवेटेड वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर जो कि लगभग 12 किलोमीटर लम्बा है।
- जानवरों के लिए 6 अंडरपास, दो हाथी अंडरपास, दो बड़े पुल और तेरह छोटे पुल जो इसे वन्यजीव संरक्षण गलियारा वाला भारत का पहला राजमार्ग बनाते है।
- दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों और बागपत, बड़ौत, शामली और सहारनपुर शहरों से होकर गुजरेगा।
- लेन: 12 लेन (चरण 1) और 6 लेन (चरण 2, 3 और 4)।
- प्रोजेक्ट मॉडल: ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण)।
- न्यूनतम और अधिकतम गति 100 से 120 किमी/घंटा।
- एलिवेटेड एंड एक्सेस-कंट्रोल्ड रोडवे।
- एक्सप्रेसवे 113 वीयूपी (वाहन अंडर पास), एलवीयूपी (हल्के वाहन अंडर पास), एसवीयूपी (छोटे वाहन अंडर पास), 5 आरओबी, 4 प्रमुख पुल और 62 बस शेल्टर के साथ बनाया गया है।
- 76 किमी सर्विस रोड और 29 किमी एलिवेटेड रोड के अलावा 16 प्रवेश-निकास बिंदु बनाए जा रहे हैं।
- पहला चरण- 31.2 किमी, दूसरा चरण- 118 किमी (7 इंटरचेंज 60 अंडरपास),तीसरा चरण-40 किमी, चौथा चरण- 20.7 किमी (इस खंड में 2.322 किमी जुड़वां सुरंगें होंगी और 0.3 किमी पहुंच, 4.82 किमी 4 लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर, हाथियों और अन्य वन्यजीवों के लिए 6 मीटर वर्टिकल क्लीयरेंस के साथ, 2.12 किमी लंबा पहाड़ी खंड और 340 मीटर सिंगल ट्यूब सुरंग)।