प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 15 अप्रैल को करेंगे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) का उद्घाटन
6 लेन-135 किमी-120 किमी/घंटा-70 मिनट
कुंडली (एनएच -1), गाजियाबाद (एनएच -24) और पलवल (एनएच -2) को जोड़ने वाले 6 लेन के 135 किमी लम्बे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा यूपी के बागपत से 15 अप्रैल को किया जायेगा। इसे बनाने की लागत 12 हजार करोड़ रुपए आई है। इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों की स्पीड लिमिट 120 किमी/घंटा तय की गई है। इस स्पीड से जाने पर आप 135 किमी की दूरी 70 मिनट में माप सकेंगे। एनएचएआई के अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि इस एक्सप्रेवे में मौजूद कई लैंडमार्क पूरे विश्व के लिए उदाहरण बनेंगे। इस एक्सप्रेसवे को बनाने का समय 30 महीने रखा गया था लेकिन इसे 18 माह में ही पूरा कर लिया गया। 2017 में जब केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक्सप्रेसवे की सड़क की गुणवत्ता की जांच के लिए 150 किमी की रफ्तार से एक्सप्रेसवे पर यात्रा करते समय कप में चाय डालने की बात कही थी।
इसे बनाने के लिए दुनिया के 20 देशों का अध्ययन किया गया है। यह देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है जिसमें कुंडली टोल प्लाजा पर डिजिटल गैलरी बन रही है। जिसमें वाहनों का वजन एंट्री प्वाइंट पर पहुंचने से पहले ही हो जाएगा और यह डिसाइड हो जाएगा कि उक्त वाहन की एंट्री होनी है कि नहीं। दिलचस्प ये है कि अगर वाहन ओवरलोड पाया गया तो एंट्री प्वाइंट के बजाय अपने आप ही एक्जिट गेट खुल जाएगा।
ईस्टर्न पेरिफेरल पर गुजरने के दौरान आपको हवामहल से लेकर कुतुबमीनार तक 36 ऐसे ही स्मारकों की प्रतिक्रितियां दिखाई देंगी। इनमें कुछ प्रमुख स्मारक इस प्रकार हैं- कुतुबमीनार, हवामहल, इंडिया गेट, लालकिला, चार मीनार, जलियांवाला बाग, अशोक चक्र, कीर्ति स्तंभ आदि शामिल हैं। यह देश का पहला ग्रीन एक्सप्रेसवे है जिसकी 100 फीसदी लाइट सोलर उर्जा से जलेंगी। इस एक्सप्रेसवे पर लगे पौधों एवं बगीचो की सिंचाई ड्रिप इरीगेशन से होगी। इस यमुना नदी पर 600 मीटर लंबा 4-4 लेन का ब्रिज होगा साथ ही इस पर 4 बड़े ब्रिज, 46 छोट ब्रिज, 3 फ्लाईओवर, 7 इंटरचेंज, 70 अंडरपास, 151 पैदलपार पथ, 141 पुलिया, 8 रेलवेओवर ब्रिज होंगे। इसके साथ ही हर 20 किलोमीटर पर एंबुलेंस व क्रेन भी मौजूद होंगे इसमें सब कुछ वर्चुअल होगा जिसे एनएचएआई प्रोजेक्ट की सफलता के तौर पर दिखाएगा।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा बनाया गया ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे दिल्ली में प्रवेश करने वाले हजारों ट्रक के प्रदूषण, वायु प्रदूषण और उससे होने वाले जाम से बचाने के लिए काफी मददगार होगा। यह बाहरी राज्यों उत्तराखंड, कोलकाता, उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं पंजाब से आने जाने वाले वाहन जिन्हें पहले दिल्ली के अन्दर से होकर गुजरना पड़ता था अब ये इस ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) के द्वारा दिल्ली में प्रवेश किये बिना अपने गन्तव्य पर जा सकते है। कुंडली- मानेसर- पलवल (केएमपी) या वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे डब्लूपीई का मानेसर-पलवल खंड पहले ही 2016 से काम कर रहा है। मानेसर-कुंडली खंड जून के अंत तक पूरा हो जाएगा। अतः जून 2018 तक ये पूरा पेरिफेरल एक्सप्रेसवे काम करना शुरू कर देगा यह दिल्ली का तीसरा रिंग रोड होगा जो कि दिल्ली में आवागमन को कम करने में मदद करेगा। यह दिल्ली से सटे ट्रोनिका सिटी, कुंडली, राई, बड़ी जैसे अन्य बाहरी औधोगिक क्षेत्रों के लिए भी अच्छी खबर है क्योंकि एक्सप्रेसवे से इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।