केंद्र सरकार ने दिल्ली और देहरादून के बीच एक्सप्रेसवे की योजना को दी मंजूरी। दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी 258 किमी से घटकर रहजयेगी 180 किमी।
केंद्र सरकार ने दिल्ली और देहरादून के बीच एक्सप्रेसवे की योजना को मंजूरी दे दी है योजना के अनुसार, एक्सप्रेसवे अगले तीन से पांच वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है यह दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी को 258 किमी से घटाकर 180 किमी कर देगा।
यह एक्सप्रेसवे उत्तराखंड के गणेशपुर, मोहन, और अश्करोडी और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, बागपत, ट्रोनिका सिटी और लोनी से होकर गुजरेगा। उपरोक्त हाईवे से यूपीसीडा द्वारा विकसित की जा रही ट्रांस दिल्ली सिग्नेचर सिटी एवं उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की मंडोला विहार परियोजना को काफी फायदा होगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को घोषणा की कि केंद्र ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है, उन्होंने देहरादून में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अध्यक्ष एसएस संधू से मुलाकात के बाद यह घोषणा की।
अधिकारियों के अनुसार एक्सप्रेस-वे को जमीनी स्तर से ऊंचा बनाया जाएगा और टोल प्लाजा पर उसका नियंत्रण होगा। प्रस्तावित राजमार्ग के कुछ हिस्सों पर सर्वेक्षण शुरू हो चुका है। एक्सप्रेसवे अगले तीन से पांच वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है।
रावत ने कहा कि एक्सप्रेसवे से प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार राजमार्ग के निर्माण में एनएचएआई की हर संभव मदद करेगी।”
देहरादून में एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार वन्यजीवों पर प्रभाव को कम करने के लिए राजाजी नेशनल पार्क के तहत आने वाले मोहन में एक सुरंग भी बनाई जाएगी। एक्सप्रेस हाईवे का एक हिस्सा यूपी के जंगलों से होकर गुजरता है, जिसके लिए वन्यजीवों और जंगलों से संबंधित कई मंजूरियों की आवश्यकता होगी।
एक्सप्रेसवे का कार्य कुल तीन चरणों में पूरा किया जाएगा पहले चरण में दिल्ली से ईपीई, दूसरे चरण में ईपीई से सहारनपुर एवं अंतिम चरण में सहारनपुर से देहरादून तक का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा योजना पर कुल आठ हजार करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है एक्सप्रेस हाईवे के कुछ हिस्सों पर काम पहले से ही चल रहा है।