उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन करने तथा राज्य को 2027 तक एक ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के साथ, ग्रामीण क्षेत्रों में लघु-औद्योगिक क्लस्टर स्थापित करने की योजना बनाई है। ग्राम सभा की जमीन स्थानीय सर्कल दरों पर आवंटन के लिए औद्योगिक विभाग को सौंपी जाएगी। राज्य 100 प्रतिशत स्टांप शुल्क माफी सहित अन्य प्रोत्साहन योजनाए प्रदान करके भीतरी इलाकों में 25,000 इकाइयां स्थापित करना चाहता है। राज्य सरकार स्थानीय रोजगार पैदा करके और एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को उत्प्रेरित करके ग्रामीण क्षेत्रों से युवाओं के प्रवास को रोकने के उद्देश्य से भी काम कर रही है जिसमे स्थानीय ग्राम समितियां भी उद्योग को भूमि आवंटन के लिए ग्राम सभा भूमि के बंजर और कृषि योग्य भूमि की उपलब्धता के संबंध में भी जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेज सकेंगी।
जिसके लिए राज्य की नोडल एजेंसी यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीए) ने 75 जिलों में लगभग 25,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है ताकि शीघ्र आवंटन किया जा सके। यूपीएसआईडीए पारदर्शिता के लिए भूखंडों की ई-नीलामी शुरू कर चूका है अब अधिकतम क्षेत्रों में केवल ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से ही भूखंडो का आवंटन किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप भूखंड आवंटन में वृद्धि के साथ साथ राजस्व भी दोगुना हो गया है।
उपरोक्त के अंतर्गत हाल ही में यूपीएसआईडीए द्वारा ललितपुर जिले में बल्क ड्रग पार्क के विकास के लिए 1,470 एकड़ जमीन आवंटित किया गया है। यह परियोजना राज्य को दक्षिण एशिया में फार्मास्यूटिकल्स, जेनेरिक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के लिए एक अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए तैयार है। यूपीएसआईडीए के अधिकारी के अनुसार, हाथरस, हरदोई, प्रयागराज, लखनऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली, बाराबंकी और चित्रकूट में भी भूमि अधिग्रहण किया गया। विभाग के पास ट्रांस दिल्ली सिग्नेचर सिटी (ट्रोनिका सिटी) में भी लगभग 550 एकड़ जमीन आवंटन के लिए उपलब्ध है जिसे शीघ्र ही आवंटित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यूपीएसआईडीए ऑडिट के माध्यम से इन्वेंट्री बढ़ाने और अनछुए क्षेत्रों में विस्तार करने के लिए भी काम कर रहा है।
यूपीएसआईडीए द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में महिला भागीदारी, रोजगार बढ़ाने और सुरक्षित औद्योगिक क्षेत्र परियोजनाओं के तहत महिला केंद्रित सुविधाओं का भी निर्माण किया जा रहा है।
एमएसएमई उद्योग यूपी के वार्षिक औद्योगिक उत्पादन में 60 प्रतिशत का योगदान करते हैं, योगी आदित्यनाथ सरकार का लक्ष्य एमएसएमई निर्यात को दोगुना कर 3 ट्रिलियन रुपये करना है। राज्य पारंपरिक उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है जैसे वाराणसी बनारसी रेशम साड़ी, भदोही (कालीन), लखनऊ (चिकन), कानपुर (चमड़े का सामान), आगरा (चमड़े के जूते), अलीगढ़ (ताला), मुरादाबाद (पीतल के बर्तन), मेरठ (खेल सामान), और सहारनपुर (लकड़ी के उत्पाद), अन्य जिसके लिए योगी सरकार द्वारा पहले ही वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) चालू की गयी थी जिसका लोकल व्यापारियों को काफी फायदा मिल रहा है।